जाने कैसे शुरू हुयी मदर्स दे की प्रथा

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जाने कैसे शुरू हुयी मदर्स दे की प्रथा

Deepak Chauhan 10-05-2019 15:32:57

माँ एक ऐसा शब्द जिसको कभी कोई व्यक्ति किसी भी रूप में पूरी तरह कभी व्यक्त नहीं कर सकता। इसकी वजह होती है माँ के द्वारा झेले गए कष्ट। क्युकी माँ ही होती है जो अपने शरीर में दुनिया में आने वाले इंसान को पुरे 9 महीने तक सींचती थी। हमेशा माँ अपना दर्द भूल कर आने वाले बच्चे के लिए अपने आप को सही रखने में जुटी रहती है। चूँकि मां के प्‍यार का कर्ज चुकाया नहीं जा सकता. मां के प्‍यार, त्‍याग और तपस्‍या के बदले हम चाहे कुछ भी कर लें वो कम ही होगा. हमें इस दुनिया में लाने वाली और इंसान बनाने वाली उस मां के प्रति सम्‍मान और प्‍यार जताने के लिए वैसे तो किसी विशेष दिन की जरूरत नहीं, लेकिन मदर्स डे (Mother's Day) हमें अपनी भावनाओं को जाहिर करने का एक बहाना जरूर देता है. यही वजह है कि हर साल मई के दूसरे रविवार को दुनिया भर में मदर्स डे मनाया जाता है. इस बार मदर्स डे 12 मई (Mother's Day Date) को है.  मां को सम्मान देने वाले इस दिन को कई देशों में अलग-अलग तारीख पर सेलिब्रेट किया जाता है. लेकिन भारत समेत ज्‍यादातर देशों में मई
के दूसरे रविवार को ही मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है. मदर्स डे के दिन लोग कई तरह से मां के प्रति अपनी भावनाओं को जाहिर करते हैं. 


आखिर कैसे हुयी मदर्स डे की शुरुआत?

बता दें, मां को सम्मान देने वाले इस दिन की शुरुआत अमेरिका से हुई. अमेरिकन एक्टिविस्ट एना जार्विस अपनी मां से बहुत प्यार करती थीं. उन्होंने न कभी शादी की और न कोई बच्चा था. मां की मौत होने के बाद प्यार जताने के लिए उन्होंने इस दिन की शुरुआत की. फिर धीरे-धीरे कई देशों में मदर्स डे (Mother's Day 2019) मनाया जाने लगा. 


मई के दूसरे रविवार को क्यों मनाते हैं मदर्स डे?

9 मई 1914 को अमेरिकी प्रेसिडेंट वुड्रो विल्सन ने एक लॉ पास किया था जिसमें लिखा था कि मई महीने के हर दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाएगा, जिसके बाद मदर्स डे अमेरिका, भारत और कई देशों में मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाने लगा.


मदर्स डे मनाने का तरीका?

वैसे तो मां को प्यार करने और तोहफे देने के लिए किसी खास दिन की जरुरत नहीं, लेकिन फिर भी मदर्स डे के दिन मां को और सम्मान दिया जाता है. उन्हें तोहफे, मीठा और ढेर सारा प्यार किया जाता है.

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